पंचायती राज प्रणाली में सबसे निचले स्तर पर ग्राम पंचायत होती है। ग्राम पंचायत का अध्यक्ष प्रधान होता है। जिसका चुनाव ग्राम सभा द्वारा किया जाता है। तथा इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है। ग्राम सभा द्वारा एक उप प्रधान भी चुना जाता है। इस पंचायत का सचिव ग्राम विकास अधिकारी (सेक्रेटरी) या वीडियो(BDO) होता है इस समय उत्तर प्रदेश में 59163 ग्राम पंचायत और 8135 न्याय पंचायत हैं।
👉ग्राम पंचायत का सचिव = ग्राम पंचायत में तैनात ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ग्राम पंचायत का सचिव भी होता है। यदि ग्राम पंचायत में एक से अधिक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी तैनात हैं। तो उनमें से एक को ग्राम पंचायत के सचिव का कार्य ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित करके प्रदर्शित किया जाता है। ग्राम निधि का संचालन प्रधान एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाता है।
नियोजन एवं विकास समिति का कार्य ग्राम पंचायत की योजना तैयार करना होता है समिति का गठन प्रधान- सभापति करते हैं।
किसी ग्राम पंचायत प्रधान अथवा उप प्रधान के विरुद्ध शिकायत शपथ पत्र सहित केवल जिला मजिस्ट्रेट अथवा सरकार को ही प्रस्तुत की जा सकती है।
त्वरित विकास को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पंचायतों को 50000 तक की योजना स्वयं बनाने तथा क्रियान्वित करने का अधिकार दिया गया।
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